वाराणसी : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा की महत्तम उपयोग वाली अर्थव्यवस्था (सकुर्लर इक्नामी) को बढ़ावा देने के लिए गोवधन (गैल्वनाइजिंग अगोनिक बायो ईगो रिसोसज धन) योजना के तहत 500 नए कचरे से सपदा निर्माण करने वाले सयत्रो की स्थापना की जायेग, इनमे शहरी क्षेत्रो में 75 सयंत्रो सहित 200 सपीडित बायोगैस (सीबीजी) सयंत्र तथा 10,000 करोड़ रुपये के कुल निवेश के साथ 300 समुदाय या कलस्टर आधारित सयंत, शामिल होंगे.
वित्त वर्ष 2023-24 के लिए किन्द्रय बजट पेश करते हुए उन्होने यहाँ भी कहा की सरकार एक करोड़ किसानो को प्रकृतिक खेती अपनाने की सुविधा प्रदान करेंग इसके अलावा सरकार नई मिटटी योजना के तहत समुद्र तट के किनारे मैंग्रोव पौधरोपण करेंगी सीतारमण ने यहाँ भी कहा की सरकार आद्रभूमि के महत्तम जुप्योग को बढ़ावा देने के लिए एक योजना के माध्यम से सरक्षण मूल्यों को बढ़ावा देगी.
इसके अलावा कंपनियों द्वारा पयार्वरणीय रूप से टिकाऊ और जिम्मेदारी कार्यो को पुरत्साहित करने के लिए एक हरित लोन कार्यकर्म को आदिसूचित किया जायेगा इंडियन बायोगैस एसोसिशन के अध्यक्ष गौरव केडिया ने कहा की बुधित कार्बन तीव्रता को काम करने और नई हरित रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए हरित ईंधन ऊर्जा और निमार्ण पथाओ को अपनाने को प्रथमिकता देता है.
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